रक्षाबंधन के हाइकु - सुशीला शिवराण
१.
भेज दी राखी
संग भेजी मिठाई
टैग हैं भाई।
२.
नेट पे भेजीं
राखी कई हज़ार
सूनी कलाई।
३.
पावन-पर्व
बहना को दे हर्ष
भैया को गर्व।
४.
राखी के दिन
लौटा है बचपन
भैया के संग।
५.
रक्षा-धागों से
बँधे बादशाह भी
स्नेह डोर से।
६.
सूनी कलाई
सीमा पर है भाई
आई रूलाई।
७.
राखी हाथ में
बहना जोहे बाट
आँसू आँख में।
८.
रक्षा-पर्व पे
रक्षा-पर्व पे
बँधते कच्चे धागे
पक्के रिश्तों में।
९.
छीजीं ख़ुशियाँ
गले मिले न कोई
ना ही पतियाँ।
१०.
उत्सव वही
खो गया है उत्साह
नए दौर में।
११.
पैसा दमके
भावना भिखारिन
खड़ी सिसके।