वीथी
वीथी
हमारी भावनाएँ शब्दों में ढल कविता का रूप ले लेती हैं।अपनी कविताओं के माध्यम से मैंने अपनी भावनाओं, अपने अहसासों और अपनी विचार-धारा को अभिव्यक्ति दी है| वीथी में आपका स्वागत है |
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Sunday, 8 July 2012
शब्दों के पार
आँखों
की
झील
में
डूबते
-
उतराते
कभी
तो
दिल
में
उतरते
सुनते
मौन
को
महसूसते
धड़कनों को
तो कितने ही सवालों के जवाब
तुम्हें मिल जाते !
- सुशीला शिवराण (श्योराण)
चित्र - साभार : गूगल
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