बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..सुशीलाजी .आभार..
क्षणिका पसंद करने के लिए आभार Maheshwari Kaneri ji.
सुंदर भाव
बहुत-बहुत धन्यवाद संगीता स्वरूप जी।
बहुत बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति,,,लाजबाब रचना,,,,RECENT POST...: दोहे,,,,
रचना पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार dheerendra ji| जल्दी ही आपके ब्लॉग पर आँऊगी। व्यस्तताओं के चलते विलंब के लिए क्षमा ।
बहुत ही बढ़िया
खामोशी की जुबां इसी कों तो कहते हैं ... उतर के दिल में चुपके चुपके सुनना ...
.....तभी तो मौन को सुन पाते ...बहुत सुन्दर सुशीलाजी
बहुत ही बढ़िया मैम!सादर
कल 15/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
सुन्दर भाव , कोमल अहसास युक्त बहुत बेहतरीन रचना..:-)
बहुत सुन्दर....कोमल एहसासों की सुन्दर अभिव्यक्ति.अनु
खूबसूरती से लिखे एहसास
lajawaab...
शब्दों के पार मन की झील में गर कोई उतरे तो ही समझे न प्रेम की भाषा... सुन्दर रचना, बधाई.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..सुशीलाजी .आभार..
ReplyDeleteक्षणिका पसंद करने के लिए आभार Maheshwari Kaneri ji.
Deleteसुंदर भाव
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद संगीता स्वरूप जी।
Deleteबहुत बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति,,,लाजबाब रचना,,,,
ReplyDeleteRECENT POST...: दोहे,,,,
रचना पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार dheerendra ji| जल्दी ही आपके ब्लॉग पर आँऊगी। व्यस्तताओं के चलते विलंब के लिए क्षमा ।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteखामोशी की जुबां इसी कों तो कहते हैं ... उतर के दिल में चुपके चुपके सुनना ...
ReplyDelete.....तभी तो मौन को सुन पाते ...बहुत सुन्दर सुशीलाजी
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया मैम!
ReplyDeleteसादर
कल 15/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
सुन्दर भाव , कोमल अहसास युक्त बहुत बेहतरीन रचना..
ReplyDelete:-)
बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteकोमल एहसासों की सुन्दर अभिव्यक्ति.
अनु
खूबसूरती से लिखे एहसास
ReplyDeletelajawaab...
ReplyDeleteशब्दों के पार मन की झील में गर कोई उतरे तो ही समझे न प्रेम की भाषा... सुन्दर रचना, बधाई.
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