वीथी

हमारी भावनाएँ शब्दों में ढल कविता का रूप ले लेती हैं।अपनी कविताओं के माध्यम से मैंने अपनी भावनाओं, अपने अहसासों और अपनी विचार-धारा को अभिव्यक्ति दी है| वीथी में आपका स्वागत है |

Sunday, 21 July 2013

हाइकु - मोहे तो मोहे












कुछ हाइकु - 

1
मिटे संशय
सद्‍गुरु की शरण
मन निर्भय ।

2
बोलें हैं नैन-
प्रीत की रीत यही
शब्द हैं मौन।

3.
रूहानी रिश्ते
जन्मों के हैं बंधन
तोड़े न टूटें ।

4
उड़ रे कागा
आते होंगे पाहुना
लीपूँ अँगना ।

5

बंद थी मुट्ठी
फिसलती ही गईं
रेत-सी साँसें ।
6
यही है प्यार
आत्मा से जुड़े आत्मा
देह के पार ।

7
जुस्तजू तेरी
तिश्नगी में हैं साथ
उम्मीदें मेरी।

8
गहना नहीं
मोहे तो मोहे सखी
छब पिया की।

9.
रिश्ते जन्मों के
सँजोए हैं दिल में
मोती सीप के।


10.

तेरी बहियाँ

ख़ामोशी करे बातें

सारी रतियाँ ।

- शील