सुशीला जी,..बहुत सुंदर प्रेम का इजहार करती भावपूर्ण रचना,....मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार,.....इसी तरह स्नेह बनाए र्रखे मेरी नई पोस्ट के लिए काव्यान्जलि मे click करे
प्रेम रस से परिपूरन रचना ................
अकेलेपन को अकेले नहीं भरा जा सकता. पिया से की गई मनुहार सार्थक है. सुंदर रचना.
प्रेम और विरह की सुन्दर रचना।
बहुत ही अच्छा लिखा है मैम। सादर
कल 23/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
@dheerendra,Roshi,Bharat Bhushan,dinesh aggarwal and यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) - तहे दिल से शुक्रिया
मिलन की आतुरता को बयां करते खूबसूरत शब्द और अभिव्यक्ति
ठहरे जीवन को रवानगीआओ कांधों पर सर धर लेंबहुत सुंदर ...
वाह! बहुत सुन्दर...सादर बधाई...
gahare bhav se likhi behad sundar rachana hai.....
वाह ...बहुत खूब।
... प्रशंसनीय रचना - बधाई
बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति...
बहे इश्क का दरिया इधर भीआओ इसमें हम भी तर लें...वाह वाह!!
ये जिंदगी उदास बेमुकामआओ खालीपन को हर लेंखालीपन को हरना बहुत लाज़मी है...
बहुत रहे परदेस ओ पियाआ कि तेरा दीदार कर लें good expression.
waah! bahut hi sundar rachna... bdhai sweekaren...
प्रसंसनीय बहुत सुंदर,....मेरे नए पोस्ट के लिए--"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"--में click करे
वाह...प्यारी सी रचना.बहुत खूब.
emotions ko bakhubi ukera hai words me
सुशीला जी,..
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रेम का इजहार करती भावपूर्ण रचना,....
मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार,.....इसी तरह स्नेह बनाए र्रखे
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प्रेम रस से परिपूरन रचना ................
ReplyDeleteअकेलेपन को अकेले नहीं भरा जा सकता. पिया से की गई मनुहार सार्थक है. सुंदर रचना.
ReplyDeleteप्रेम और विरह की सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है मैम।
ReplyDeleteसादर
कल 23/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
@dheerendra,Roshi,Bharat Bhushan,dinesh aggarwal and यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) - तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteमिलन की आतुरता को बयां करते खूबसूरत शब्द और अभिव्यक्ति
ReplyDeleteठहरे जीवन को रवानगी
ReplyDeleteआओ कांधों पर सर धर लें
बहुत सुंदर ...
वाह! बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteसादर बधाई...
gahare bhav se likhi behad sundar rachana hai.....
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब।
ReplyDelete... प्रशंसनीय रचना - बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहे इश्क का दरिया इधर भी
ReplyDeleteआओ इसमें हम भी तर लें...वाह वाह!!
ये जिंदगी उदास बेमुकाम
ReplyDeleteआओ खालीपन को हर लें
खालीपन को हरना बहुत लाज़मी है...
बहुत रहे परदेस ओ पिया
ReplyDeleteआ कि तेरा दीदार कर लें
good expression.
waah! bahut hi sundar rachna... bdhai sweekaren...
ReplyDeleteप्रसंसनीय बहुत सुंदर,....
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वाह...प्यारी सी रचना.
ReplyDeleteबहुत खूब.
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