वीथी

हमारी भावनाएँ शब्दों में ढल कविता का रूप ले लेती हैं।अपनी कविताओं के माध्यम से मैंने अपनी भावनाओं, अपने अहसासों और अपनी विचार-धारा को अभिव्यक्ति दी है| वीथी में आपका स्वागत है |

Tuesday, 13 December 2011

ए सनम !




तुम दिल
 
मैं ज़ज़्बात
आओ लिखें
कोई गज़ल
कोई नज़्म
ए सनम !

तुम कागज़
मैं कलम
तुम हरफ़

मैं अहसास
आओ लिखें
कोई नग़मा
ए सनम !


तुम बादल

मैं बरसात
थोड़ा उमड़ें
थोड़ा घुमड़ें
भीगें साथ
ए सनम !

तुम प्रेम

मैं प्रीत
आओ छेड़ें
कोई राग
कोई गीत
ए सनम !

18 comments:

  1. तुम कागज़
    मैं कलम
    तुम भाव
    मैं हरफ़
    आओ लिखें
    कोई कविता
    ए सनम !

    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.

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  2. तुम बादल
    मैं बरसात
    थोड़ा उमड़ें
    थोड़ा घुमड़ें
    भीगें साथ
    ए सनम !

    बेहतरीन पंक्तियाँ रची हैं मैम !

    सादर

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  3. Kya baat hai. Bahut hi sundar hai

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  4. जुगलबंदी की अच्छी कल्पना.

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  5. तुम प्रेम
    मैं प्रीत
    आओ छेड़ें
    कोई राग
    कोई गीत
    ए सनम !

    वाह ! बहुत नेक ख़याल है … ☺

    आदरणीया सुशीला जी
    सादर नमस्कार !
    घणी घणी ओळ्यूं !!

    गीत ग़ज़ल रुबाई कविता का बहुत सुखद् संयोग है आपकी रचना में …

    लेकिन भीगें साथ पढ़ कर ही हमें तो सर्दी का एहसास हो रहा है …
    गरम पानी का इंतज़ाम रखिएगा …
    हा हाऽऽ… ! विनोद कर रहा था …


    सुंदर रचना के लिए
    बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  6. आपके ब्लॉग पैर पहली बार आये हैं .सुंदर रचना हैं

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  7. @मोहन श्रोत्रिय - आपका हार्दिक आभार ! यूँ ही अनुगृह बनाए रखें ।

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  8. @Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार - घणी खम्मा और घणी घणी ओळ्यूं !!
    थारै सूँ तो मन्नै भोत-कुछ सीखणो है भाई सा ! हौंसळो बढावैण खातर धिनवाद ।

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  9. @यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) - You are the one person who is so young but doing the incredible job of providing a platform to the hundreds of unknown writers through your "हलचल"
    Thank you so much for all the appreciation which becomes an encouragement to write better. Thank you !

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  10. @आशा ढौंडियाल - धन्यवाद

    @Roshi- आपका बहुत-बहुत स्वागत !

    @amrendra "amar" - शुक्रिया अमरेन्द्र जी ।

    @Rajeev Upadhyay - आपका आभार !

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  11. ati sundar rachna .......pyar ki nishchha abhivykti

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  12. bahut sundar..vah..! kya baat hai..dil ke taar jhanjhanaa uthe...

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  13. तुम प्रेम
    मैं प्रीत
    आओ छेड़ें
    कोई राग
    कोई गीत
    ए सनम !
    बहुत सुंदर प्रेममयी रचना अच्छी लगी

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  14. युगल-भाव की सुंदरता का चित्रण करती भावमयी कविता. बहुत खूब.

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