१)
भारत प्यारा
वेदों की यह धरा
देश है न्यारा।
भारत प्यारा
वेदों की यह धरा
देश है न्यारा।
२)
भेद भुला के
गले मिल मनाएँ
जश्ने-आज़ादी ।
भेद भुला के
गले मिल मनाएँ
जश्ने-आज़ादी ।
३)
देश स्वाधीन
शौर्य हुआ है पंगु
नेतृत्व बिन ।
देश स्वाधीन
शौर्य हुआ है पंगु
नेतृत्व बिन ।
४)
सशस्त्र फौजी
आत्म-रक्षा के लिए
माँगे स्वीकृति ।
सशस्त्र फौजी
आत्म-रक्षा के लिए
माँगे स्वीकृति ।
५)
पूछे बिटिया
कब देगी आज़ादी
मुझे सुरक्षा।
पूछे बिटिया
कब देगी आज़ादी
मुझे सुरक्षा।
६)
भूख, डर से
कर सको जो मुक्त
जी लूँ आज़ादी ।
७)
कफ़न ओढ़
सोया है चिर निद्रा
देश का बेटा।
- शील
चित्र - साभार गूगल
भूख, डर से
कर सको जो मुक्त
जी लूँ आज़ादी ।
७)
कफ़न ओढ़
सोया है चिर निद्रा
देश का बेटा।
- शील
चित्र - साभार गूगल
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (16-08-2013) को बेईमान काटते हैं चाँदी:चर्चा मंच 1338 ....शुक्रवार... में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढिया, बहुत सुंदर
ReplyDeletechhote shabd par gahre arth ....
ReplyDeleteसीमा पर जवानों की हालत सबसे खराब है । देश हर मोर्चे पर विफल है । भारत को उसका खोया वैभव पुनः दिलवाना है और इसका आधार होगा स्वदेशी । सुन्दर रचना बधाई ।
ReplyDelete