आप सब का
करवाचौथ बहुत ही उमंग और उल्लास भरा रहा होगा । इसी उमंग से निकले है ये हाइकु -
१)
शृंगार मेरा
पिया तेरी ही प्रीत
शेष है रीत !
२)
सजा मेंहदी
बिंदी, कजरा, माँग
पूजूँ मैं चाँद ।
३)
रची मेंहदी
सुर्ख रंग में बसा
१)
शृंगार मेरा
पिया तेरी ही प्रीत
शेष है रीत !
२)
सजा मेंहदी
बिंदी, कजरा, माँग
पूजूँ मैं चाँद ।
३)
रची मेंहदी
सुर्ख रंग में बसा
प्रेम पिया का !
४)
चंदा की उम्र
लगे मेरे चाँद को
होंठों पे दुआ !
५)
पाऊँ हिना में
तेरे प्यार की खुश्बू
महक जाऊँ !
६)
सुर्ख हिना में
रची है तेरी प्रीत
ए मनमीत !
७)
कर्क चतुर्थी
लाए सुहाग पर्व
दिलों में हर्ष ।
- शील
४)
चंदा की उम्र
लगे मेरे चाँद को
होंठों पे दुआ !
५)
पाऊँ हिना में
तेरे प्यार की खुश्बू
महक जाऊँ !
६)
सुर्ख हिना में
रची है तेरी प्रीत
ए मनमीत !
७)
कर्क चतुर्थी
लाए सुहाग पर्व
दिलों में हर्ष ।
- शील
सुन्दर अति सुन्दर हाइकु.
ReplyDeleteधन्यवाद अरून शर्मा जी ।
ReplyDeleteलाल रंग,प्रीत का रंग - चाँद भी निहारता है आज जी भर के
ReplyDeleteआपके शब्द सदा ही नव-उत्साह, नव-ऊर्जा प्रदान करते हैं। आभार रश्मि जी।
Deleteबहुत सुंदर हाइकु ..
ReplyDeleteआभार संगीता जी । आपसे प्रशंसा पा लेखन सार्थक हुआ।
Deleteबहुत सुंदर मनमोहक हाइकू,,,
ReplyDeleteRECENT POST : समय की पुकार है,
आपकी प्रशंसा के लिए ह्रदय से आभार धीरेन्द्र जी।
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
शुक्रिया यशवन्त जी ।
Deleteपिया का प्यार जो मेंहंदी का रंग इतना गहरा है ,
ReplyDeleteजी संगीता जी ! उसी प्रीत से सुर्ख हुई है हथेली। आभार
Deleteसभी हाइकु बहुत प्यारे हैं..
ReplyDeleteइस स्नेहिल प्र्तिक्रिया के लिए आभार महेश्वरी जी।
Deleteहाइकू और हथेली की हिना दोनो सुंदर हैं करवाचौथ की बीलेटिड शुभकामनाऐं
ReplyDeleteधन्यवाद मनु त्यागी जी।
Deleteबहुत सुंदर हाइकु ..
ReplyDelete:-)
स्वागत और शुक्रिया Reena Maurya जी। स्नेह बनाए रखें।
Deleteबहुत ही बेहतरीन हाइकू ...मज़ा आ गया !!!
ReplyDeletebahut pyaare hiku sushila jee .....
ReplyDeleteआपकी प्रशंसा नई ऊर्जा का संचार करती है डॉ निशा महाराणा जी। आभार
Deleteरची मेंहदी
ReplyDeleteसुर्ख रंग में बसा
प्रेम पिया का !
सभी हाइकु अर्थ करने में सक्षम हैं ....बेहतर है करवा चौथ पर यह प्रस्तुति .....!
हाइकु का संज्ञान लेने और प्रशंसा करने के लिए आभार।
Deleteबहुत सुन्दर हाइकू.... करवाचौथ की बेहतरीन पेशकश!
ReplyDeleteआभार शालिनी मैम
Delete~बहुत सुंदर हाइकू !:)
ReplyDelete" आज निहारूँ,
बसाए अँखियों में..
मैं 'दो दो' चाँद ! " :)
बहुत सुन्दर हाइकु...
ReplyDeleteप्यार और हिना का संबंध वाकई बहुतखूबसूरत होता है
ReplyDeleteऔर आप अभिव्यक्ति भी बहुत ही सुन्दर बन पडी है बधाई
मेरे भी कई अशआर व गीतों में यह बात आई है
गीत गजल या गाली लिख/ बात मगर मतवाली लिख
रोज हथेली पर उसके / गजलें मेहंदी वाली लिख
पाऊँ हिना में
तेरे प्यार की खुश्बू
महक जाऊँ !
६)
सुर्ख हिना में
रची है तेरी प्रीत
ए मनमीत !