कुछ हाइकु -
१.
१.
मुद्दतें हुईं
खुल के हँसा है वो
रोने के बाद
२.
ओस की बूँद
रात रोई है धरा
दर्द गहरा
३.
रजनीगंधा
महकाए रतियाँ
सुबह न आ
४)
बौराए आम
कूके है कोयलिया
मन विभोर
५)
ख्वाहिशें मेरी
भटकें दिन रैन
तुम बेपीर
६)
चाहत मेरी
एक मुट्ठी आसमां
पाए दो जहां
-सुशीला शिवराण
बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता जी
Deleteमुद्दतें हुईं
ReplyDeleteखुल के हँसा है वो
रोने के बाद
....बहुत खूब ! सभी हाइकु बहुत सुन्दर...
सभी हाइकु बहुत अच्छे हैं मैम!
ReplyDeleteसादर
मुद्दतें हुईं
ReplyDeleteखुल के हँसा है वो
रोने के बाद...
जी उठा
आंसुओं की बारिश में
नहाने के बाद
सभी अच्छे हैं , मैंने भी कोशिश कर ली प्रेरित होकर
बहुत बेहतरीन....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
चाहत मेरी
ReplyDeleteएक मुट्ठी आसमां
पाए दो जहां
ummeedon se paripurn, sundar.
bahut badiya haiku...
ReplyDeleteवाह.....................
ReplyDeleteबहुत सुंदर हायेकु................
बहुत सुन्दर सुशीलाजी
ReplyDeleteचाहत मेरी
ReplyDeleteएक मुट्ठी आसमां
पाए दो जहां..
अनुपम भाव अभिव्यक्ति सुंदर हाइकू ...बेहतरीन पोस्ट
.
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
बढ़िया प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआभार ।।
सभी हाइकु बहुत सुन्दर हैं .म्रे्रे ब्लांग मे आने के लिए ...
ReplyDeletewaah sabhi lajvab hain.......
ReplyDeleteबेहतरीन हाइकु ....
ReplyDeleteओस की बूँद
ReplyDeleteरात रोई है धरा
दर्द गहरा
बहुत सुन्दर
ReplyDelete♥
आदरणीया बहन सुशीला शिवराण जी
नमस्कार !
सुंदर हाइकु रचे आपने … आभार !
शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
-राजेन्द्र स्वर्णकार
चाहत मेरी
ReplyDeleteएक मुट्ठी आसमां
पाए दो जहां ...
काश ये चातात पूरी हो ... गज़ब के हाइकू हैं सभी .. समझाने में पूरे कामयाब पर कुछ ही शब्द ...
बेहतरीन रचना
ReplyDeleteArun
www.arunsblog.in
सभी हाइकु बहुत मोहक और खास...
ReplyDeleteबौराए आम
कूके है कोयलिया
मन विभोर
बधाई सुशीला जी.