पूर्वोत्तर के लोगों को भय के साये में घर, रोज़गार और कॉलेज छोड़कर जाते देखते तकलीफ़ तो सभी संवेदनशील लोगों को हो रही होगी!
बंगलूरू, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और अब वड़ोदरा भी.....अफ़वाहों का सिलसिला थम ही नहीं रहा ! पूर्वोत्तर के भाई-बहनों की नज़र है यह रचना -
अफ़वाहों पर भरोसा करने लगा है भारत
क्यों अपने ही साए से डरने लगा है भारत !
भाई का भाई से आज उठ गया विश्वास
अपने ही घर से उखड़ने लगा है भारत
अफ़वाहों का बाज़ार गर्म, नाकाम हुआ तंत्र
बना खौफ़ का अरण्य़ जलने लगा है भारत
छोड़ कॉलेज, दफ़्तर और घर-बार
अफ़सोस कि उजड़ने लगा है भारत
अपने ही घर में हम नहीं महफ़ूज़
अब महसूस करने लगा है भारत
रख हौंसला, थोड़ी हिम्मत ए हमवतन
तेरी हिफ़ाज़त की बात करने लगा है भारत
-सुशीला शिवराण (श्योराण)
बंगलूरू, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और अब वड़ोदरा भी.....अफ़वाहों का सिलसिला थम ही नहीं रहा ! पूर्वोत्तर के भाई-बहनों की नज़र है यह रचना -
अफ़वाहों पर भरोसा करने लगा है भारत
क्यों अपने ही साए से डरने लगा है भारत !
भाई का भाई से आज उठ गया विश्वास
अपने ही घर से उखड़ने लगा है भारत
अफ़वाहों का बाज़ार गर्म, नाकाम हुआ तंत्र
बना खौफ़ का अरण्य़ जलने लगा है भारत
छोड़ कॉलेज, दफ़्तर और घर-बार
अफ़सोस कि उजड़ने लगा है भारत
अपने ही घर में हम नहीं महफ़ूज़
अब महसूस करने लगा है भारत
रख हौंसला, थोड़ी हिम्मत ए हमवतन
तेरी हिफ़ाज़त की बात करने लगा है भारत
-सुशीला शिवराण (श्योराण)
आज भारत का हर नागरिक भय और खौफ के साये मे जी रहे है..सार्थक रचना..
ReplyDeleteरचना का संज्ञान लेने के लिए शुक्रिया महेश्वरी जी।
Deleteबेहद सार्थक लेखन....
ReplyDeleteभारत को धीरज रखना होगा...पाँव जमा कर चलना होगा.....
अनु
सही कहा आपने अनु! सबसे बड़ा समाधान धीरज रखना और अफ़वाहों पर यकीन ना करना है। हार्दिक आभार
Deleteभय खौफ और अफवाहों से बचना होगा,इसके लिए धीरज की आवश्यकता है,,,,,सटीक प्रस्तुति
ReplyDeleteRECENT POST...: शहीदों की याद में,,
शुक्रिया धीरेम्द्र जी।
Deleteअफ़वाह से बढ़ कर दूसरी कोई चीज़ ख़ौफ़ पैदा नहीं करती. आपकी कविता सही दिशा में आगाह करती है.
ReplyDeleteरचना का संज्ञान लेने के लिएहार्दिक आभार भरत जी।
Deleteसमसामयिक रचना सुशीला जी
ReplyDeleteरचना को आपने तवज्जो दी आभार वंदना जी।
Deleteभारत देश की त्रासदी को लिखा है आपने ....
ReplyDeleteसामयिक गज़ल ...
रचना का संज्ञान लेने ले लिए, सरोकार साझा करने के लिए हार्दिक आभार दिगंबर नासवा जी!
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