वीथी

हमारी भावनाएँ शब्दों में ढल कविता का रूप ले लेती हैं।अपनी कविताओं के माध्यम से मैंने अपनी भावनाओं, अपने अहसासों और अपनी विचार-धारा को अभिव्यक्ति दी है| वीथी में आपका स्वागत है |
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Monday, 4 February 2013

ज़िंदगी की बही



ज़िंदगी की बही में
क्या करें दर्ज़
खुशियाँ या दर्द
चुनिए सोच कर
क्योंकि
जब पलटेंगे पन्ने
जीएँगे हम
बार-बार
हज़ार बार
उन्हीं पलों को
दे जाएँगे जो
मुस्कान अधरों को
या फिर
आँसू नयनों को
-
शील

चित्र : साभार गूगल