वीथी

हमारी भावनाएँ शब्दों में ढल कविता का रूप ले लेती हैं।अपनी कविताओं के माध्यम से मैंने अपनी भावनाओं, अपने अहसासों और अपनी विचार-धारा को अभिव्यक्ति दी है| वीथी में आपका स्वागत है |
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Saturday, 3 November 2012

हाइकु - करवाचौथ



आप सब का करवाचौथ बहुत ही उमंग और उल्लास भरा रहा होगा । इसी उमंग से निकले है ये हाइकु -

१)

शृंगार मेरा
पिया तेरी ही प्रीत
शेष है रीत !

२)
सजा मेंहदी
बिंदी, कजरा, माँग
पूजूँ मैं चाँद ।

३)
रची मेंहदी

सुर्ख रंग में बसा
प्रेम पिया का !

४)
चंदा की उम्र
लगे मेरे चाँद को
होंठों पे दुआ !
५)
पाऊँ हिना में

तेरे प्यार की खुश्‍बू
महक जाऊँ !

६)
सुर्ख हिना में

रची है तेरी प्रीत
ए मनमीत !

७)
कर्क चतुर्थी
लाए सुहाग पर्व
दिलों में हर्ष ।

- शील