१)
कच्चे धागों से
बँधे रिश्ते उम्र के
राखी-पर्व पे ।
२)
सजी कलाई
बहना की दुआएँ
भाई ने पाईं ।
३)
सीमा पे भाई
नयन नीर बहे
राखी जो आई ।
४)
राखी की लाज
रखना ओ भगवन्
फौज में भाई ।
५)
राखी की डोर
मज़हबों के पार
रूहों को बाँधे ।
६)
कच्चे सूत से
बँधी बादशाहतें
बोलें तारीखें ।
७)
माँ-बाबा कहें
पर्व सबसे प्यारा
सींचे नेह को ।
- सुशीला श्योराण ‘शील’
चित्र : साभार गूगल