१)
कच्चे धागों से
बँधे रिश्ते उम्र के
राखी-पर्व पे ।
२)
सजी कलाई
बहना की दुआएँ
भाई ने पाईं ।
३)
सीमा पे भाई
नयन नीर बहे
राखी जो आई ।
४)
राखी की लाज
रखना ओ भगवन्
फौज में भाई ।
५)
राखी की डोर
मज़हबों के पार
रूहों को बाँधे ।
६)
कच्चे सूत से
बँधी बादशाहतें
बोलें तारीखें ।
७)
माँ-बाबा कहें
पर्व सबसे प्यारा
सींचे नेह को ।
- सुशीला श्योराण ‘शील’
चित्र : साभार गूगल
आपकी यह रचना कल मंगलवार (20-08-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteशुक्रिया अरूण जी ।
ReplyDeleteब्लॉग प्रसारण पर अन्य कृतियाँ भी अवश्य पढेंगे।
सुशीला
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteभाई बहन के पावन प्रेम के प्रतीक रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ.!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज मंगलवार (20-08-2013) को राखी मंगल कामना: चर्चा मंच 1343 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपको भी राखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ शास्त्री जी ! हाइकु पसंद करने और "मयंक का कोना" पर स्थान देने के लिए आभार ।
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
धन्यवाद महेन्द्र श्रीवास्तव जी । राखी की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
Deleteभाई बहन के पवित्र प्यार के प्रतिक रक्षा बंधन के शुभ अवशर पर बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती, आभार.
ReplyDeleteपर्व की शुभकामनाएँ धन्यवाद सहित राजेन्द्र जी ।
Deleteभाई बहन के रिश्ते की खुशबू लिए सुन्दर हाईकू
ReplyDeleteरक्षाबंधन की बधाई व शुभकामनाएँ !
हाइकु पसंद करने के लिए शुक्रिया । आपको भी राखी पर्व के लिए शुभकामनाएँ ।
Deleteहाइकु पसंद करने के लिए और ब्लॉग समूह के लिए चयन करने के लिए हार्दिक आभार दर्शन जी ।
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को ब्लॉग"दीप में शामिल किया गया है । जरुर पधारें ।
ReplyDeleteब्लॉग"दीप
शुक्रिया प्रदीप जी ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचनाऎं !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ..प्रभावी प्रस्तुति सुशीला जी ...बहुत बधाई ...शुभ कामनाएँ !!
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