जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल - २०१३ में एक वक्ता की हैसियत से भागीदारी करने का सुअवसर मिला। पेश हैं कुछ झलकियाँ -
फ़हमीदा रियाज़ जी, मैं, नंद भारद्वाज सर और लक्ष्मी शर्मा जी |
डॉ सरस्वती माथुर, श्री जे.एल. माथुर, रामबाग पैलेस |
बाँए से नंद भारद्वाज सर की प्रशंसक, नंद भारद्वाज सर, प्रीता भार्गव जी, सरस्वती जी और मैं |
शबाना जी हमारे पहले सत्र "अधूरा आदमी, अधुना नारी" में सवाल उठाते |
सत्र "अधूरा आदमी अधुना नारी" में दाँए से अनामिका जी, फ़हमीदा रियाज़ जी, प्रीता भार्गव जी, मैं और क्षमा शर्मा जी |
जावेद साहब हमारे सेशन में अपनी बात रखते हुए, सफ़ेद स्वेटर में अंबई |
Welcome dinner with Javed saab at Rambagh Palace, Jaipur |
सत्र "स्त्री हो कर सवाल करती हो" के दौरान विमर्श करते हुए |
सत्र "स्त्री हो कर सवाल करती हो" के दौरान विमर्श करते हुए |
डिग्गी पैलेस में हमें भी पगड़ी पहनने का सम्मान मिला। बाएँ से नंद भारद्वाज सर, प्रेमचंद गांधी जी, मैं, श्रीमती मधु गांधी और उनकी बिटिया रानी |
्बहुत बढिया रहा बधाई
ReplyDeleteबधाई बधाई...बहुत बहुत बधाई..
ReplyDeleteबधाई !बधाई! बधाई! एवं आभार झलकियाँ दिखलाईं आपने .
ReplyDeleteVirendra Sharma @Veerubhai1947
असली उल्लू कौन ? http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_5036.html …
Expand
Virendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ शनिवार, 2 फरवरी 2013 Mystery of owls spinning their heads all the way around revealed http://veerubhai1947.blogspot.in/
Expand Reply Delete Favorite More
जीवन में ऐसे मौके कभी२ मिलते है ,,,,बधाई शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteRECENT POST शहीदों की याद में,
बहुत-बहुत बधाई... :-)
ReplyDeleteऔर शुभकामनाएँ... :-)
बहुत बहुत बधाई....
ReplyDeleteऐसे मौके बार बार आयें ये कामना करती हूँ दी.....
अनु
:-)
ReplyDelete