सोने की चिड़िया |
फूलों की है ये बगिया
देखी है सारी दुनिया
इस जैसा कोई है कहाँ !
सोने की चिड़िया ...................
सा सा सा रे गा रे गा ..........
गौतम की है ये भूमि
गाँधी की है ये जननी
गंगाधर की आई
नेहरु की है ये माई
प्रज्ञा की है ये उर्मि
वेदों की है ये धरती
वेदों की है ये धरती
सोने की चिड़िया ..............
भेद सभी को भूल के हमने
आज़ादी को पाया (सरगम )
क्यों भूल गया इंसान
शहीदों के वे बलिदान
कैसा आया आज समां
भाई लेता भाई की जान
भटकों को दिखाएँ राह
करें देश का नव-निर्माण
सोने की चिड़िया ....................
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